जो बीत गया पल वो गुज़रा हुआ कल है
जो आज है ,अभी है ,वो ही जीवन का सच है ।
क्यूँ याद कर गुज़रे पलों को
तिल तिल मरते हो
यूँ ही अंदर अंदर तुम जलते हो
कल की बात है पुरानी
आज लिखो एक नई कहानी
आज , एक नया कलेवर , एक नई रवानी ।
क्यूँ बेकार ही कोशिश करते हो
गुज़रा वक़्त बदलने की
याद कर पुरानी बातों को
नम अपनी आंखे करते हो
कल के दर्द भरे ज़ख्मों पर
आज का मरहम लगाओ
आज, एक नया जशन ,नई लहर ।
क्यूँ कल की आग मे
आज का पल स्वाहा करते हो
कल के सवालों को
आज के जवाबों मे खोजते हो
कल का पाठ अब कहाँ काम आना है
आज, एक नया प्रशन ,एक नई मिसाल ।
क्यूँ वक़्त बे वक़्त कल का राग अलापते हो
फ़िर उसमे ही खो जाते हो
लाख जतन कर भी
कुछ ना बदल पाते हो
मन तुम्हारा बीते कल पर खामख़ा ठहरा है
आज गाओ एक नया ताराना
आज ,एक नया गीत,एक नई ताल ।
जो हुआ वो अच्छा हुआ
जो होगा वो और भी अच्छा होगा
लेकिन जो आज है,इस पल है ,वो सबसे अच्छा है
बीता कल काली रात का साया है
आज एक नया सवेरा लाया है
जहाँ नई उमँगों का डेरा है
बाकी सब वक़्त का फेरा है ।
जो बीत गया पल वो गुज़रा हुआ कल है
जो आज है ,अभी है ,वो ही एकमात्र सच है ।।