हमने तो कई दफे किया हाल-ए-दिल बयाँ
है ग़र इश्क़ तम्हें भी,तो इज़हार करना चाहिए
हमने तो अक्सर ही तेरी राह तकी पलके बिछाकर
किसी रोज़ तुम्हें भी हमारा इंतिज़ार करना चाहिए
हम तो रंग गये है तेरी उल्फ़त में सुर्ख गुलाबी
रंग-ए-मोहब्बत का तुम पर भी ख़ुमार चढ़ना चाहिए
हमें तो लग गया है इश्क़ का ये मर्ज़ बुरा
मर्ज़-ए-इश्क़ में तुमको भी बीमार दिखना चाहिए
हमने तो लुटाया सुकून इस दिल का हसंकर
दर पर तेरे भी बे-क़रारी का ये बाज़ार लगना चाहिए