ये नज़रें हैं गुस्ताख़
कहीं ये कोई हसीं भूल ऐ मेरे यार कर ना दें
तुम्हारी निगाहों से मिलकर
कहीं ये तुम्हें भी चाहत में बेक़रार कर ना दें
मेरे दिल का हाल है बुरा
कहीं ये बेपरवाही से इसका इज़हार कर ना दें
हम तो हो चुके है मोहब्बत में बर्बाद
कहीं ये तुम्हें भी जुनूने इश्क में बीमार कर ना दें
खुद तो जल रही है बनकर शमा
कहीं ये समझ तुम्हें परवाना राख़ मेरे यार कर ना दें||
©vibespositiveonly
वाह बहुत खूब
ReplyDeleteThank you so much sir😊
ReplyDeleteबहुत ख़ूब ... आँखों का कमाल क्या बात है ...
ReplyDeleteapki aabhari hun:)
DeleteNice one
ReplyDeleteThanku so much sir:)
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